निखिल पाठक। नई दिल्ली, अगस्त 28 -- राजधानी में यमुना की सफाई में बड़ी भूमिका निभाने वाले 37 एसटीपी में से 38 फीसदी गंदे पानी को साफ करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यह खुलासा राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष हाल ही में पेश रिपोर्ट से हुआ है।रिपोर्ट में हुआ खुलासा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से हाल ही में दाखिल रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के कुल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) में से केवल 23 ही मानकों पर खरे उतरे, जबकि 14 एसटीपी फीकल कोलीफॉर्म समेत कई मानकों को पूरा नहीं कर पाए। एनजीटी ने इसे बेहद चिंताजनक बताते हुए यमुना की सफाई की राह में बड़ी बाधा करार दिया। जल बोर्ड ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि अधिकांश एसटीपी में अल्ट्रावॉयलेट (यूवी) और क्लोरीनेशन तकनीक से कीटाणु शोधन किया जा रहा ह...