नई दिल्ली, सितम्बर 29 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक निजी कंपनी से 6 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोपी दंपति को जमानत देने के तरीके की कड़ी आलोचना करते हुए जजों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट और सेशन्स जज ने आरोपियों को बेल देते समय लापरवाही बरती है। कोर्ट ने इस दौरान दोनों अधिकारियों को दिल्ली न्यायिक अकादमी में कम से कम 7 दिनों का ट्रेनिंग लेने का भी आदेश दिया है। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और SVN भट्टी की पीठ ने पुलिस की ओर से गंभीर चूकों को देखते हुए जांच अधिकारी के आचरण की जांच का भी आदेश दिया। अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को अधिकारी की भूमिका की व्यक्तिगत जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश देते हुए कहा कि जमानत की कार्यवाही में जांच अधिकारी का रुख संदेह ख...