अंबेडकर नगर, फरवरी 24 -- अम्बेडकरनगर, संवाददाता। किसी का जन्म दिन में हो अथवा रात में उसका जन्मदिन ही मनाया जाता है। वो चाहे देव हो अथवा मानव सभी का जन्मदिन ही मनाया जाता है। मात्र परमात्मा शिव ही हैं जिनका जन्मोत्सव नहीं रात्रि उत्सव मनाया जाता है। अकबरपुर के राजयोग केंद्र की संचालिका बीके सोमा के अनुसार शिवरात्रि मनाने का आध्यात्मिक रहस्य है। उनके अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में 12 बजे हुआ था। तो भी उनका जन्मोत्सव ही मनाया जाता है। जन्म रात्रि नहीं मनाया जाता। इसके विपरीत भगवान शिव ही एकमात्र देव और परमात्मा हैं, जिनका रात्रि पर्व मनाया जाता है। बहन कुमारी सोमा के अनुसार परमात्मा शिव का एक नाम स्वयं भू भी है। अर्थात वे स्वयं उत्पन्न हुए हैं। उन्हें किसी परमात्मा ने उत्पन्न नहीं किया है। वो स्वयं परमात्मा हैं। शिव अवतरित हुए हैं।...