जमुई, सितम्बर 20 -- जमुई। कार्यालय संवाददाता काली है कलकत्ते की, दुर्गा है पत्तसंडे की" यह कहावत जिले के गिद्धौर से जुड़ी है। इसका अर्थ है जितना भव्य काली पूजा कोलकाता में मनाई जाती है उतनी ही भव्य पूजा मां दुर्गा की गिद्धौर में मनाई जाती है। यह कहावत गिद्धौर की दुर्गा पूजा की ऐतिहासिक महत्ता और उसकी प्रसिद्धी को दर्शाया गया है। यहां की पूजा पौराणिक विधान और लोक परंपरा के अनूठे संगम के कारण लोगों के बीच सदियों से प्रचलित है। जिस तरह कोलकाता माँ काली की पूजा और उनके प्रसिद्ध मंदिर कालीघाट के लिए जाना जाता है, उसी प्रकार यह कहावत गिद्धौर में होने वाली माँ दुर्गा की भव्य और प्रसिद्ध पूजा का उल्लेख करती है। यहां दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है। चंदेल राजवंश के द्वारा स्थापित गिद्धौर राज रियासत का ऐतिहासिक दुर्गा पूजा. धार्मिक मान्यताओं एव...