बिहारशरीफ, नवम्बर 8 -- ऐतिहासिक धरोहर : गिरियक का प्राचीन स्तूप इतिहास, पुराण और बौद्ध संस्कृति का जीवंत प्रतीक यह स्तूप बौद्ध युगीन स्थापत्य कला का बेमिसाल नमूना भगवान विष्णु और ऋषि-मुनियों की तपोभूमि रही है यह भूमि फोटो : गिरियक स्तूप : गिरियक के पहाड़ पर स्थित बौद्ध युगीन प्राचीन स्तूप। पावापुरी, निज संवाददाता/अनिल उपाध्याय। नालंदा जिले का गिरियक प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। यहां स्थित प्राचीन स्तूप इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। यह स्तूप न केवल बौद्ध युगीन स्थापत्य कला का बेमिसाल नमूना है, बल्कि यह स्थान भगवान विष्णु और ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है। इस स्तूप को दर्शन के लिए आज भी सैकड़ों लोग रोजाना पहुंचते हैं। इसे रांची रोड से भी देखा जा सकता है। यह स्तूप अपने आप म...