टिहरी, मई 14 -- तीर्थनगरी देवप्रयाग में बैशाख माह के आखिरी अन्नपूर्णा मेले में इस बार रिकॉर्ड भीड़ उमड़ी। नगर के समीप तुणगी गांव में ऐतिहासिक अन्नपूर्णा मेले की 51 साल पहले पशुबलि जैसी बर्बर प्रथा के खिलाफ शुरुआत की गयी थी। प्रसिद्ध विद्वान स्व. आचार्य चक्रधर जोशी व समाजसेवी भारती सिंह ने समाज में नई दिशा देते हुए अन्नपूर्णा मेले की शुरुआत की थी। इसके प्रभाव से क्षेत्र के अन्य मेलों में भी पशुबलि जैसी कुप्रथा धीरे-धीरे बन्द हो गयी। तीर्थनगरी के निकट आयोजित एकमात्र मेले में नगर वासियों व ग्रामीणों ने एक साथ देश व क्षेत्र की सुख शांति के लिए मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना की। वहीं ढोल-नंगाडों के साथ मन्दिर में देवी का नया ध्वज फहराया गया। मेले में सहारनपुर, हल्द्वानी, रुड़की, काशीपुर, हरिद्वार आदि से बड़ी संख्या में दुकानदार पहुंचे। अन्नपूर्...