नई दिल्ली, सितम्बर 25 -- सोनम वांगचुक का नाम लद्दाख में शिक्षा सुधार और पर्यावरण की रक्षा के उपायों के लिए चर्चित रहा है। लेकिन बीते कुछ सालों में वह राजनीतिक मांगों को लेकर भी सक्रिय रहे हैं और बुधवार को तो उनके अनशन के दौरान ऐसी हिंसा भड़की की 4 लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए। हिंसा की यह आग इतनी तेजी से फैली की भाजपा के दफ्तर में तोड़फोड़ हुई और कई जगहों पर आगजनी की गई। इसके बाद सोनम वांगचुक ने अपना अनशन खत्म कर दिया है और कहा कि हिंसा के चलते उनके आंदोलन का उद्देश्य कमजोर हुआ है। लेकिन सवाल यहीं खत्म नहीं हुए हैं। सोनम वांगचुक को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि सोनम वांगचुक की ओर से लद्दाख के युवाओं को उकसाने वाले बयान दिए गए हैं। यह भी हिंसा का एक कारण रहा है। इसके अलावा उनकी इसी साल 6 फरवरी को हु...
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