धनबाद, मार्च 26 -- धनबाद, प्रियेश जिला कोषागार के तत्कालीन प्रधान लिपिक कृष्णेन्दु चौधरी (अब स्वर्गीय) पर लगे घूसखोरी के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। घूसखोरी के आरोपों के बाद मामले की प्रशासनिक जांच (विभागीय कार्यवाही) शुरू की गई थी। डीसी माधवी मिश्रा के निर्देश पर अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति) को संचालन पदाधिकारी बनाया गया था। संचालन पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में घूसखोरी के आरोप की पुष्टि नहीं होने की बात लिखी है। उन्होंने जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप दी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही डीसी ने घूसखोरी के आरोप से कृष्णेन्दु चौधरी को मुक्त करने का आदेश जारी किया है। साथ ही साथ विभागीय कार्यवाही को भी समाप्त करने का आदेश दिया है। कृष्णेन्दु चौधरी को निलंबन अवधि का वेतन तथा अन्य सरकारी राशि (निलंबन भत्ता को घटाकर) के भुगतान का आदेश भी दिया है। उन्...