गोरखपुर, अक्टूबर 30 -- गोरखपुर, निज सवाददाता। 22 साल बाद शुरू होने वाले वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बोगस और डुप्लीकेट वोटर खत्म हो जाएंगे। इसमें मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने में यह प्रक्रिया उपयोगी साबित होगी। एसआईआर के लिए वोटर लिस्ट को फ्रीज कर दिया गया है। अब बीएलओ घर-घर जाएंगे। वे दो प्रतियों में गणना पत्रक को लोगों में बांटेंगे और उनकी ओर से भरे जाने पर एक पत्रक वापस ले लेंगे। जहां गणना पत्रक लेने वाले नहीं होंगे या गणना पत्रक वापस नहीं जमा होंगे तो उनके नाम काट दिए जाएंगे। 2003 की वोटर लिस्ट के आधार पर एसआईआर शुरू किया गया है। जिन वोटरों का नाम 22 साल पुरानी वोटर लिस्ट में है, उन्हें मान्य 12 दस्तावेजों में कोई भी प्रमाण नहीं देना होगा। ऐसे वोटर 50 प्रतिशत से भी कम हैं। इसमें नए वोटर के पंजीकरण होंगे, जबकि...