नई दिल्ली, दिसम्बर 28 -- उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के जो शुरुआती आंकड़े सामने आ रहे हैं, उन्होंने उस आशंका को सच साबित कर दिया है जिसमें कहा गया था कि बड़े शहरों से बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम कट सकते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य में सबसे ज्यादा नाम काटे जाने वाले 'टॉप-10' जिलों की सूची में प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत आठ बड़े महानगरों और औद्योगिक जिलों के नाम शामिल हैं। चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों का मानना था कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनका नाम उनके पैतृक गांव (छोटे जिले) और नौकरी या व्यवसाय वाले बड़े शहरों, दोनों जगह दर्ज हैं। एसआईआर में सख्त 'डबल एंट्री' वेरिफिकेशन के कारण यह स्थिति हुई है।विश्लेषण से पता चलता है कि लोगों ने अपनी जड़ों यानी अपने गृह जिलों (Home Towns) में वोट र...