औरैया, नवम्बर 28 -- रुरुगंज, संवाददाता। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम ने जहां एक ओर मतदाताओं की परेशानी बढ़ाई है, वहीं दूसरी ओर इसका एक सकारात्मक पहलू भी सामने आया है। एसआईआर फॉर्म में जो सूचनाएं मांगी जा रही हैं, उनका पालन करते हुए नई पीढ़ी अपने पूर्वजों से परिचित हो रही है। जिन बच्चों और युवाओं को अपने दादा-दादी, नाना-नानी के बारे में जानकारी नहीं थी, अब वे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके पूर्वज कहां से आए थे और वे किस तरह से आज के निवासियों में शामिल हुए। एसआईआर के तहत फॉर्म भरने के लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) ने अधिकतर घरों में फॉर्म पहुंचा दिए हैं और लोगों से विस्तृत जानकारी मांगी है। इसमें विशेष रूप से वर्ष 2003 की मतदाता सूची के आधार पर पिताओं और दादाओं का नाम पूछा जा रहा है। जिसके चलते कई लोग अब अपने परिजनों से संबंधित ...
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