लखनऊ, जून 14 -- लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग की ओर से 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तहत षट्कर्म कार्यशाला का आयोजन हुआ। संकाय समन्वयक डॉ. अमरजीत यादव ने योगाभ्यास में षट्कर्मों का महत्व बताते हुए कहा कि षट्कर्म योग की वह विशेष प्रणाली है, जो शरीर, मन और ऊर्जा-तंत्र की शुद्धि के लिए की जाती है। उन्होंने कहा कि आज के तेज गति वाले और तनावपूर्ण जीवन में शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक प्रदूषण हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। अनियमित खानपान, प्रदूषित पर्यावरण, डिजिटल युग की अधिकता, मानसिक तनाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता की गिरावट जैसी समस्याएं हमारे शरीर और मन को विषाक्त बना रही हैं। ऐसे में योग के षट्कर्म हठयोग की शुद्धि क्रियाएं हैं, आधुनिक समय में अत्यंत प्रासंगिक और प्रभावशाली हैं। नेति और कपालभाति जैसे षट्कर्म वायु प्रदूषण से प्रभावित श्...