गोरखपुर, अगस्त 3 -- गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने एम्स के 18 एमबीबीएस छात्रों द्वारा छात्र जितेन्द्र भाटी के विरुद्ध दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने मामले में साफ कहा है कि अनुमान, आशंका या अपुष्ट तथ्य किसी भी व्यक्ति को कानूनी रूप से प्रताड़ित करने का आधार नहीं हो सकता है। जितेंद्र भाटी ने कहा कि सत्य की विजय हुई है, झूठी साजिशें अब नहीं चलेंगी। न्यायपालिका का हृदय से आभार प्रकट करता हूं, जिसने सच्चाई को पहचानकर झूठे आरोपों को सिरे से खारिज किया। यह निर्णय न केवल मेरे लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए उम्मीद की किरण है, जो झूठे मामलों में फंसाया जाता है। कहा कि एम्स गोरखपुर के कुछ छात्रों ने सुनियोजित तरीके से मेरे विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि धूमिल करने और मानसिक प्रताड़ना देने का प...