धनबाद, नवम्बर 3 -- बाघमारा, प्रतिनिधि। बंद पड़ी मधुबन कोलियरी को एमडीओ मोड पर आउटसोर्सिंग कंपनी को देने के बीसीसीएल प्रबंधन के फैसले के खिलाफ स्थानीय रैयतों व ग्रामीणों का आंदोलन रंग लाने लगा है। लगातार विरोध के बीच यह मुद्दा अब विधानसभा तक पहुंच गया है। 10 नवंबर को विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति की विशेष टीम ने जिला प्रशासन, बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों और रैयत-किसान निगरानी समिति के सदस्यों को तलब किया है। इधर रविवार को मधुबन समेत आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में महिला-पुरुष, किसान और रैयत बंद मधुबन कोलियरी कार्यालय स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में जमा हुए और आउटसोर्सिंग प्रबंधन व बीसीसीएल के खिलाफ नारेबाजी की। बैठक में चार प्रमुख निर्णय लिए गए। कहा गया कि जमीन बीसीसीएल को ही दी जाएगी, निजी कंपनी को नहीं। पूर्व में ली गई जमीन क...