बिजनौर, जून 18 -- मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस (एमडीआर टीबी) के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें 18-24 महीने के लंबे और जटिल उपचार से मुक्ति मिल सकेगी। सरकार ने छह महीने के नए और अत्यधिक प्रभावी कोर्स को मंजूरी दे दी है और बिजनौर में मरीजों का यह कोर्स शुरू भी कर दिया है। यह कदम देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एमडीआर टीबी, टीबी का एक ऐसा प्रकार है जो टीबी की दो सबसे शक्तिशाली और पहली पंक्ति की दवाओं-आइसोनियाजिड और रिफाम्पिसिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है। इसका मतलब है कि ये दवाएं टीबी के जीवाणुओं पर अब असर नहीं करतीं, जिससे इलाज और भी मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति आमतौर पर तब उत्पन्न होती है जब टीबी के मरीज अपना इलाज अनियमित रूप से करते हैं, या दवा का पूरा कोर्स...
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