गोरखपुर, जुलाई 21 -- गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय साइबर अपराधों की जांच और डिजिटल साक्ष्यों को एकत्र करने की ट्रेनिंग देगा। इसके लिए चार करोड़ की लागत से साइबर फॉरेंसिक और डिजिटल लैब तैयार किया जा रहा है। लैब के खुल जाने से साइबर अपराधों की जांच मदद भी मिलेगी। वहीं, ट्रेनिंग लेने वाले बीटेक के छात्रों को साइबर फॉरेंसिक और डिजिटल वेलनेस की डिग्री भी दी जाएगी। वर्तमान में साइबर अपराध तेजी से बढ़े हैं। इसे देखते हुए एमएमएमयूटी ने साइबर फॉरेंसिक और डिजिटल लैब बनाने का फैसला लिया है। लैब में आधुनिक उपकरण होंगे, जो नेटवर्क ट्रैफिक, सिक्योर लॉकर, मैलवेयर, एआई आधारित सॉफ्टवेयर सहित मोबाइल फॉरेंसिक में पुलिस और छात्रों की मदद करेंगे। इस पहल से समय रहते साइबर क्राइम को रोकने के साथ उसका पता भी लगाया जा सके...