गंगापार, दिसम्बर 28 -- राइस मिलरों को एफआरसी (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) नहीं मिल पा रहा है, जिससे धान मिलों पर कुटाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। उधर बिना एफआरसी के एफसीआई चावल नहीं ले रहा है, जिससे धान मिलों पर हजारों क्विंटल धान डंप पड़ा है। एफआरसी चावल में मिलाने पर पोषक तत्वों की गुणवत्ता बढ़ जाती है। मिलर प्रति क्विंटल एक किग्रा एफआरसी का मिलान करते हैं। जिस चावल के बारे में एफ आर सी तत्व नहीं होगा, उस चावल को खाद्य निगम निरस्त मान लेता है। एफआरसी का निर्माण करने वाली संस्थाओं ने राइस मिलों को अभी तक एफआरसी नहीं दे रखा है। ऐसी दशा में मेजा व कोरांव की दर्जनों मिलों पर व्यापक पैमाने पर धान रखा है। मिलों पर रखने की जगह न होने से क्रय केन्द्रों पर खरीद का कार्य प्रभावित हो रहा है, क्रय केन्द्रों पर धान रखने की जगह नहीं बची है, ऐसी दशा में ...
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