भभुआ, दिसम्बर 6 -- मुख्यमंत्री के दरबार तक में लगाई गुहार, फिर भी लाइब्रेरी का उद्धार अब भी दूर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के समन्वय से खुल सकेगी शहर की लाइब्रेरी (बोले भभुआ) मोहनियां, एक प्रतिनिधि। पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कही जाती हैं और व्यक्तित्व के निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन, एपीजे अब्दुल कलाम पुस्तकालय से छात्र दोस्ती नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि दो दशक पहले स्थापित यह लाइब्रेरी सात साल से बंद है। ऐसे में इस पुस्तकालय को खोलवाकर व्यवस्थित करने के प्रति यहां के अधिकारी संवेदनशील दिख रहे हैं और न जनप्रतिनिधि ही फिक्रमंद साबित हो रहे हैं। यही कारण है कि छात्र बाजार से पत्र-पत्रिकाएं खरीदकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए मजबूर हैं। यह पुस्तकालय आज भी अपने पुनरुद्धार की बांट जोह रहा है। सात वर्...