नई दिल्ली, जुलाई 9 -- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) ने बीते कुछ वर्षों में देश में जिस गति से प्रगति की है, वह अपना आप में एक मॉडल है। आज उस मॉडल को अपनाने की दिशा में बड़े बैंक भी सोच रहे हैं। बुधवार को भारत मंडपम में आयोजित एनबीएफसी संगोष्ठी 2025 को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज जनसंख्या के व्यापक हिस्से और देश के बड़े भौगोलिक क्षेत्रों तक एनबीएफसी की पहुंच है। बीते कुछ वर्षों में एनबीएफसी का काम काफी सराहनीय रहा है। केवल चार वर्षों में ऋण पोर्टफोलियो 24 लाख करोड़ से बढ़कर 48 लाख करोड़ हो गया है लेकिन अब एनबीएफसी को ऋण जोखिम को लेकर अधिक सजग होने की जरूरत है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज देशभर में नौ हजार से अधिक एनबीएफसी पंजीकृत हैं। यह विशाल नेटवर्क नवाचार आधारित ऋण वितरण मॉडल को अपनाए हुए हैं...