संजय, अक्टूबर 22 -- बिहार के चुनावी मैदान को फतह करने के लिए एनडीए और महागठबंधन ने अपने-अपने हिसाब से सधी चाल चली हैं। अधिक से अधिक सीटें हासिल करने के लिए दोनों गठबंधनों ने 100 नए लड़ाकों पर दांव खेला है। यही नहीं, मौजूदा विधायकों के खिलाफ आम जनता में पनपे आक्रोश को देखते हुए 27 फीसदी विधायकों को बे-टिकट कर दिया है। जदयू और भाजपा ने जहां 31 विधायकों को बेटिकट किया, वहीं राजद और कांग्रेस ने 36 मौजूदा विधायकों को चुनावी मैदान में उतारने से परहेज किया है। इसके अलावा दोनों गठबंधनों ने अपनी परम्परागत सीटें भी सहयोगियों के लिए छोड़ दी हैं। सहयोगी दलों के लिए एनडीए ने 22 तो महागठबंधन ने 18 सीटें छोड़ी हैं। गौरतलब है कि भाजपा वर्ष 2020 के चुनाव में 74 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। उपचुनाव में ज...