नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- एक अहम घटनाक्रम के तहत सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने पर सहमति जताई। याचिका में उसके एक फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया है। इस फैसले में कहा गया कि एनएचएआई अधिनियम के तहत जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है उन्हें ब्याज सहित मुआवजा देने का शीर्ष अदालत का 2019 का निर्णय पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने समीक्षा याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 11 नवंबर को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। एनएचएआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाल ही में पीठ को बताया था कि इस मामले में लगभग 32,000 करोड़ रुपये लगेंगे, न कि 100 करोड़ रुपये, जैसा कि याचिका में पहले कहा ग...