कौशाम्बी, मार्च 23 -- माहे रमजान का दूसरा अशरा यानी मगफेरत खत्म हो गया है। शुक्रवार से तीसरा अशरा शुरू हो चुका है। यह अशरा रोजेदारों को जहन्नुम से निजात दिलाता है। इस अशरे में ही लोग एतकाफ करते हैं। एतकाफ में बैठे लोग ईद के चांद का दीदार होने के बाद ही घर को वापस लौटते हैं। उलेमाओं ने बताया कि अगर, एक आदमी भी एतकाफ में बैठ जाए तो पूरी बस्ती का हक अदा हो जाता है। अल्लाह तआला उस बस्ती पर आने वाले आजाबों को हटा देते हैं। इलाके की लगभग सभी मस्जिदों में एतकाफ शुरू हो चुका है। रमजान की बीसवीं तारीख से लगभग सभी मस्जिदों में असर की नमाज के बाद बस्ती की तरफ से एक या उससे अधिक आदमी एतकाफ करते हैं। जब से वो एतकाफ करते हैं, तब से उनका खाना-पीना, नहाना-धोना मस्जिद परिसर में ही होता है। किसी खास काम (जनाजे की नमाज या मिट्टी देने) पर ही वो बाहर निकलते ह...