नई दिल्ली, दिसम्बर 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को साफ किया कि देश भर के हाईकोर्ट में मुकदमों के बोझ को कम करने के लिए नियुक्त अस्थायी (तदर्थ) जज एकल या खंड पीठ की अध्यक्षता कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने अप्रैल 2021 में पारित फैसले की शर्तों में ढील देते हुए यह बात कही। उक्त फैसले में कहा गया था कि एडहॉक जज खंड पीठ के अध्यक्षता नहीं कर सकते। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति विपुल पंचोली की पीठ ने केंद्र को पूर्व जजों को हाईकोर्ट में एडहॉक जज के तौर पर नियुक्त करने के लिए नई नीति बनाने और मौजूदा नीति में सुधार के निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश ने आदेश पारित करते हुए कहा कि न्यायिक प्रतिभा का इतना बड़ा पूल है। वे 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते हैं और उनके अनुभव का इस्तेमाल लंबित मामलों के बोझ को खत्...