मुजफ्फरपुर, मार्च 12 -- पारू, हिन्दुस्तान संवाददाता। म्यांमार से मुक्त कराए गए इंजीनियर मो. रिजवान आलम एक एजेंट की मदद से नौकरी की लालच में वहां पहुंच गया था। पारू मझौलिया बिचला टोला निवासी रिजवान के पिता मो. रहीम ने बताया कि वह एक साल पूर्व कमाने के लिए विदेश गया था। बताया कि उसकी पास के गांव के ही एक एजेंट से नौकरी के संबंध में बात हुई थी। बेहतर नौकरी का लालच देकर एजेंट ने रिजवान को थाईलैंड जाने के लिए तैयार किया और इसकी एवज में काफी पैसे भी वसूले। थाईलैंड के नाम पर उसे किसी तरह बाहर भेजा और अंतत: म्यांमार में उसे आव्रजन नियमों के तहत हिरासत में ले लिया गया था। जानकारी के मुताबिक, रिजवान के साथ ही एजेंटों ने बिहार के लगभग एक दर्जन बेरोजगार युवाओं को अपने जाल में फंसा ठगी का शिकार बनाया था। मो. रिजवान सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर है। ...