दिल्ली, जनवरी 30 -- अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की आप्रवासियों पर सोच को लेकर बहुत बहस हो रही है और एच1बी वीजा भी इस बहस का एक मुद्दा है.यह भारत के कुशल कामगारों के लिए बेहद अहम है.पिछले महीने जब ट्रंप ने भारतीय मूल के वेंचर कैपिटलिस्ट श्रीराम कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुद्दे पर सलाहकार नियुक्त किया तो उनके दक्षिणपंथी समर्थकों ने इसकी कड़ी आलोचना की.उनका कहना था कि इस नियुक्ति से ट्रंप की आप्रवासन नीतियों को लेकर दिखाई जा रही सख्ती पर असर पड़ेगा.ट्रंप के पुराने विश्वासपात्र रहे स्टीव बैनन ने "बड़ी तकनीकी कंपनियों के ओलिगार्कों" की आलोचना की, जो एच1बी कार्यक्रम का समर्थन करते हैं, और इसे पश्चिमी सभ्यता के लिए खतरे के रूप में पेश किया.इसके जवाब में टेस्ला और स्पेसएक्स के अरबपति सीईओ इलॉन मस्क ने विदेशी तकनीकी कर्मचारियों...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.