मथुरा, नवम्बर 15 -- भारतीय तकनीकी उद्योग इन दिनों वैश्विक स्तर पर बदलते परिदृश्यों को लेकर चिंतित है। विशेषकर उस निर्णय को लेकर जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय पेशेवरों के लिए एच-1बी वीज़ा पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। इस बढ़ी हुई शुल्क व्यवस्था को विशेषज्ञ भारतीय आईटी और तकनीकी प्रतिभा के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि इससे न केवल विदेशी अवसरों का मार्ग कठिन होगा, बल्कि भारतीय युवाओं के वैश्विक कॅरियर निर्माण पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा। इसी संदर्भ में जीएलए विश्वविद्यालय के सैटरैंगल क्लब ने अंतर-विश्वविद्यालय (इंटर-यूनिवर्सिटी) स्तर पर युवा संसद 5.0 का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र, पूर्व छात्र और उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्र हुए और इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा करते हुए इस...