सीतामढ़ी, दिसम्बर 12 -- सीतामढ़ी। जिले के रून्नीसैदपुर प्रखंड संसाधन केंन्द्र के सभागार में हेडमास्टर की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। लगभग 250 एचएम ने इसमें सक्रिय भागीदारी की। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम के माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाना। पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम ऑफिसर विशाल कुमार ने एचएम को फाइलेरिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। जो हाथीपांव के रूप में जानी जाती है। लेकिन इसका बचाव बेहद आसान है। मात्र लगातार पांच से छह वर्षों तक प्रतिवर्ष एक बार अलबेंडाजोल और डीईसी (डाइएथाइल कार्बामाजीन सिट्रेट) दवा का सेवन करके इससे पूर्ण रूप से मुक्ति पाई जा सकती है। कहा कि यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है और बिना चिकित्सकीय सलाह के ली जा सकती...