प्रयागराज, नवम्बर 10 -- यूपी बोर्ड ने 18 फरवरी को हाईस्कूल (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) सामान्य हिंदी की परीक्षा एक ही पाली (शिफ्ट) में कराने का फैसला लिया है, जिससे 43 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रभावित होंगे। बोर्ड के इस फैसले से स्कूल के प्रधानाचार्य बेहद चिंतित और परेशान हैं। बोर्ड के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वे एक केंद्र पर अधिकतम 2200 छात्रों को आवंटित करेंगे, लेकिन बड़े स्कूलों के प्रधानाचार्य अधिकतम 1300 विद्यार्थियों की ही परीक्षा कराने पर सहमत हैं। ऑल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (अप्सा) के मुताबिक, प्रदेश के 95% प्राइवेट स्कूलों में यह संभव नहीं है। उनका कहना है कि 10वीं और 12वीं के लगभग 1500 बच्चों की परीक्षा एक साथ कराना असंभव है। एसोसिएशन ने बोर्ड से अनुरोध किया है कि वे इस फैसले में सुधार करें और परीक्षा की तिथियों में बदल...