अररिया, मई 15 -- रानीगंज, एक संवाददाता। यूं तो राज्य व केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत लाखों - करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा क्या है यह किसी से अछूता नहीं है। कई विद्यालयों में छात्रवृत्ति, पोशाक, समग्र विकास अनुदान आदि योजनाओं की राशि की गबन की खबरें आये दिन आती रहती है। सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा का यह आलम है कि उच्च व मध्यम वर्ग के 80 प्रतिशत से अधिक लोगों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं जबकि सरकारी विद्यालयों में 80 प्रतिशत से अधिक गरीबों के बच्चे ही पढ़ने आते हैं। इन सबके बीच रानीगंज के बसेटी और धोबनिया पंचायत के सीमा पर स्थित जामुन ऋषिदेव टोला के करीब सौ बच्चे पिछले एक साल से शिक्षा से वंचित है। इस महादलित टोले के बच्चे के स्कूल नहीं जाने का मुख्य कारण यहां के विद्यालय को दूसरे जगह टैग किय...