नई दिल्ली, अगस्त 14 -- देशभर में आवारा कुत्तों का मसला अब गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का रूप ले चुका है। गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले एक साल में देश में 37 लाख से ज्यादा कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आई हैं। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि तत्काल समाधान की मांग भी करता है।बच्चों की जान खतरे में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले के सुनवाई कर रही है। इस बेंच में जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया शामिल हैं। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जोर देकर कहा, "कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता, लेकिन बच्चों की जान जा रही है। इस मुद्दे को हल करने की जरूरत है, न कि इसे विवाद का विषय बनाने की।" उन्होंने डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि हर साल र...
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