जमुई, सितम्बर 8 -- चन्द्रमंडीह, निज संवाददाता चकाई प्रखंड पूर्ण रूप से पठारी इलाका रहने के कारण यहाँ के किसानों को खेती के लिए वर्षा पर हीं आश्रित रहना बदकिस्मती हो गयी है । धान की खेती सिंचाई कर नहीं किया जा सकता क्योकि इस संबध में एक पुराना कहावत काफी चरितार्थ है, कि धान पान नित स्नान। धान का पौधा उस मुकाम पर पहुंच गया है जहाँ धान के पौधे को भरपूर मात्रा में पानी की आवश्यकता है । धान के पौधे में गर्भ बनना शुरू हो गया है अब धान का वाली निकलने का समय आ गया है । और बीते एक सप्ताह से भी अधिक दिनों से बारिश नहीं होने के कारण धान का पौधा पीला पड़ने लगा है । रामचन्दरडीह पंचायत के पडेरिया गावं निवासी वयो बृद्ध किसान प्रफुल्ल राय एवं पराँची पंचायत अंतर्गत गादी गावं निवासी किसान गोकरन राय ने कहा कि सिंह सुखानी , पूर्वा पानी । अथार्त सिंह नक्षत्र म...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.