गोरखपुर, जनवरी 28 -- गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। पीलीभीत से रेस्क्यू कर लाया गया भारी भरकम बाघ (केसरी) एक सप्ताह बाद भी क्राल से बाहर नहीं निकला है। 20 जनवरी को उसे दर्शकों के लिए बाड़े में छोड़ा गया था। जू-कीपर उसे बाहर निकालने की कई बार कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। जू-कीपरों और अगल-बगल के जानवरों को देखकर केवल दहाड़ मार रहा है। बताया जा रहा है कि उसे दूसरे जानवरों की महक महसूस हो गई है। इसकी वजह से वह क्राल से निकलना नहीं चाह रहा है। उसके बगल के क्राल में पहले से रह रही सफेद बाघिन गीता, अमर और सामने बब्बर शेर पटौदी है, जिन्हें देखकर वह दहाड़ रहा है। इसकी वजह से चिड़ियाघर प्रशासन भी चिंता में है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में वह उसे क्राल से बाहर कैसे निकाले। वहीं, दूसरी तरफ बहराइच से लाए गए भेड़िये...
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