नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- केरल हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष केरल विवाह पंजीकरण (सामान्य) नियम के तहत अपनी दूसरी शादी पंजीकृत कराना चाहता है और उसकी पिछली शादी भी चल रही है, तो पहली पत्नी की भी बात सुननी चाहिए। पुरुष को यह जानना चाहिए कि पहली पत्नी दूसरे विवाह से सहमत है या नहीं। न्यायमूर्ति पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति और उसकी दूसरी पत्नी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। याचिका में राज्य सरकार को उनके विवाह का पंजीकरण करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति ने अपने फैसले यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में धर्म गौण है और संवैधानिक अधिकार सर्वोच्च हैं। इसलिए, जब दूसरी शादी के पंजीकरण का सवाल उठता है तो प्रथागत कानून लागू नहीं होता। न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने यह भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि पवित्र कुरान या मुस्लि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.