लखनऊ, नवम्बर 19 -- लखनऊ, संवाददाता। वर्तमान समय में भारत की प्रगति तभी संभव है जब देश का युवावर्ग व्यवसाय और उद्यमिता से जुड़कर नए अवसरों का सृजन करे, यह समय की मांग है। व्यवसाय शुरू करने में जाति, आय, सामाजिक दबाव या डिग्री जैसी चीजें कोई बाधा नहीं बनतीं बल्कि सच्चा जज्बा, सकारात्मक दृष्टिकोण और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं। ये बातें बीबीएयू में प्रबंधन अध्ययन विभाग की ओर से महिला उद्यमिता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने कहीं। उन्होंने बीबीएयू के छात्रों का आह्वान किया कि वे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) पहल के तहत 'एक वर्ष में एक करोड़' के व्यवसाय का लक्ष्य निर्धारित करें और उद्यमिता के क्षेत्र में साहसिक कदम उठाएं। मुख्य अतिथि डॉक्टर मोरिंगा प्रा. लि. की डायरेक्टर डॉ. कामिनी सिंह ने बताया ...