संभल, नवम्बर 19 -- संभल। संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद को आज एक वर्ष पूरा हो गया है, लेकिन सच का निर्णय अब भी सील बंद लिफाफे में बंद है। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट ही इस बहुचर्चित वाद के भविष्य का आधार बनेगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खोलने पर रोक लगा रखी है। एक साल में यह वाद स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, 13 से अधिक तिथियां बीत चुकी हैं और अब 3 दिसंबर को अगली सुनवाई तय है। विवाद की शुरुआत 19 नवंबर 2024 को हुई थी, जब हिंदू पक्ष ने दावा किया कि वर्तमान शाही जामा मस्जिद मूल रूप से हरिहर मंदिर है। उसी दिन शुरू हुआ सर्वेक्षण हिंसा और तनाव के कारण अधूरा रह गया। बाद में कोर्ट ने कमिश्नर रिपोर्ट मांगी, जो 5 मार्च 2025 को सीलबंद रूप में दाखिल कर दी गई। हाईकोर्ट ने मई 2025 में साफ किया कि यह मामला पूजा स्थल ...