नवादा, मार्च 19 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। खरमास 14 मार्च से शुरू हो गया। इसके साथ ही अगले एक माह के लिए शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। 14 अप्रैल सोमवार को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास समाप्त हो जाएगा। खरमास में पितृ पिंडदान का खास महत्व है। भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-पाठ भी विशेष फलदायी मानी जाती है। उनकी कृपा से जातक सब प्रकार के सुख भोगकर मृत्यु के बाद भगवान के दिव्य गोलोक में निवास करता है। खरमास में धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, यज्ञादि, दान आदि करने से अतुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है। शहर के ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र झा ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 14 मार्च शुक्रवार की रात 08:54 बजे सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर गए। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के गोचर के ...