नई दिल्ली, अप्रैल 30 -- वो फिल्मी डायलॉग तो आपने भी कभी ना कभी सुना ही होगा कि एक मां से बड़ा योद्धा कोई नहीं होता। इस छोटी सी बात में कितनी सच्चाई है वो शायद एक मां ही समझ सकती है। उसके जीवन में कोई सैटर्डे संडे नहीं आते, वो चुपचाप बिना शिकायत, बिना किसी गीले-शिकवे के लगी रहती है अपने बच्चों की परवरिश में। अगर आप एक मां हैं तो जरा याद करें कि चौबीसों घंटों में से कितने घंटे आपने सिर्फ खुद के लिए निकालें। ज्यादातर माएं सब कुछ याद रखती हैं, बस यही भूल जाती हैं और इससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों पर इंपैक्ट पड़ता है। कई बार यही गुस्सा और फ्रस्टेशन उनके स्ट्रेस का कारण बनता है। ऐसे में आप कुछ चीजें कर सकती हैं जो आपको रिलैक्स रखने और बेहतर पेरेंट बनने में मदद करेंगी।अपनी लाइफ की बेहतर चीजों पर दें ध्यान कई बार सारा दिन बच्चों के पीछे बि...
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