स्वरमिल चंद्रा अयोध्या, सितम्बर 4 -- विगत दिनों अयोध्या राजवंश के मुखिया राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के निधन के बाद एक बार फिर से राजसदन सुर्खियों में है। देश भर में अयोध्या राजपरिवार की कहानी एक बार फिर सभी की जुबां पर आ गया। राजा अयोध्या के नाम में 'मिश्र' देख युवा पीढ़ी अपना कौतुहल मिटाने के लिए गूगल सर्च करने लगी। उनकी जिज्ञासा यह जानने समझने की रही कि कैसे एक ब्राह्मण परिवार ने अपनी वीरता से राजा अयोध्या की पदवी हासिल की। इसके लिए इतिहास के पन्ने खंगालने पड़ेंगे। अयोध्या राजा के पुत्र मशहूर साहित्यकार यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र समेत तमाम साहित्यकारों ने बहुत कुछ लिखा है। इन्हीं किताबों में वर्णित है कि मुगल सम्राट मुहम्मद शाह के समय 1722 में सहादत अली खां प्रथम को अवध का नवाब ए वजीर नियुक्त किया गया। इसी समय से अवध एक स्वायत्त रा...
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