गिरडीह, सितम्बर 7 -- बेंगाबाद, प्रतिनिधि। मौसम की बेरुखी से किसान हताश होने लगे हैं। पानी के अभाव में धान के खेत सूख गए हैं। खेतों में दरारें पड़ने लगी है। खतों में लहलहाती हुई धान की फसलें मुरझाने लगी है। बारिश के अभाव में खेतों से धान की फसलों की हरियाली भी गायब होने लगी है। जिससे किसानों के चेहरे पर मायूसी छाने लगी है। किसानों की मानें तो दो नंबर के खेतों में लगे धान में कुछ दिनों बाद से बाली निकलने वाली है। धान फसल की बाली अभी नहीं निकली है। धान की बाली निकलने के लिए खेतों में अभी पानी की जरूरत थी लेकिन बारिश के अभाव में खेत सूखने लगे हैं। अधिकांश खेतों में दरारें पड़ने लगी है। इससे धान के पैदावार पर भी इसका व्यापक असर पड़ेगा। धान की फसल में अभी पानी की जरूरत है। परंतु सुबह होते ही कड़ाके की गर्मी पड़ने लगी है। सूरज भगवान आग उगलने लगे...
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