लखनऊ, मई 29 -- लखनऊ, संवाददाता। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शोध परियोजना पर बात हुई। यहां साहित्य और मानवाधिकार पर चर्चा किया गया। डॉ. अलका सिंह ने कहा कि मानवाधिकार और साहित्य एक दूसरे से काफी जुड़े हुए हैं। साहित्य का कोई भी पाठ मानवीय संवेदनाओं की खोज करता है और मानव समाज को जीने, संकट व कठोर सच्चाईयों को सहने और जीवन के मूल्यों का आनंद लेने के लिए एक सुंदर दृष्टिकोण देता है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत मानवाधिकार और अंग्रेजी साहित्यिक अध्ययन के नजरिए से चुनिंदा ग्रंथों की एनोटेटेड ग्रंथ सूची तैयार की जा रही है। इस शोध पर काम करते समय, यह देखा गया कि यह एनईपी 2020 के सिद्धांतों को छूता है। इस शोध के तहत प्रस्तावित एनोटेट ग्रंथ सूची अनेक शैलियों में अंग्रेजी साहित्य अध्ययन में मानवाधिकारों क...