फतेहपुर, अक्टूबर 19 -- फतेहपुर। एमजी कॉलेज परिसर में लगी पटाखा मंडी की आग ने प्रशासन के बदइंतजामी की पोल खोल दी है। सुरक्षा मानक कागजों पर ही सिमट गए। इतनी बड़ी मंडी में न कोई फायर सेफ्टी पाइप था, न पर्याप्त अग्निशमन यंत्र। मौके पर फायर की सिर्फ एक छोटी गाड़ी थी और एक पानी टैंकर खड़ा था। जिसके भरोसे मंडी की 70 दुकानों की सुरक्षा का जिम्मा था। हादसे के दौरान वह भी काम न आ सके। हादसे के बाद दुकानदारों ने प्रशासन और ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। पटाखा मंडी पूर्व में नगर पालिका की देखरेख में सजती थी। लेकिन बीते दो सालों से एक स्थानीय नेता ने मंडी लगवाने का ठेका ले लिया। उसने दुकानदारों को लाइसेंस बनवाने से लेकर मंडी में अस्थाई दुकानें लगाकर देने तक के एवज में प्रति दुकान रुपये वसूलने शुरु किये। दुकानदारों ...