औरैया, दिसम्बर 30 -- नलकूप चालक किशन गुप्ता की हत्या ने गोविंद नगर उत्तरी के एक साधारण से घर में हमेशा के लिए अंधेरा भर दिया है। जिस बेटे के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, उसी की अर्थी उठेगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। सोमवार रात नशेबाजी के विवाद में हुई गोलीबारी ने न सिर्फ एक युवक की जान ली, बल्कि उसके माता-पिता का बुढ़ापे का सहारा भी छीन लिया। 25 वर्षीय किशन पिछले तीन वर्षों से नगर पालिका इंटर कॉलेज परिसर में स्थित नलकूप पर संविदा चालक के रूप में कार्यरत था। सीमित वेतन होने के बावजूद वह घर की हर जरूरत पूरी करने की कोशिश करता था। पिता अशोक कुमार गल्ला व्यापारी हैं, लेकिन उम्र और हालात के चलते परिवार की मुख्य जिम्मेदारी किशन ही निभा रहा था। छोटे भाई कन्हैया की पढ़ाई से लेकर घर के खर्च तक, सब कुछ उसी की आमदनी पर टिका था। परिजनों के ...