मुजफ्फरपुर, अगस्त 29 -- मुजफ्फरपुर। इमरजेंसी में मदद के लिए एक कॉल पर पहुंच जाने वाली डायल 112 टीम के चालकों को खुद मदद की दरकार है। वे ड्यूटी तो पुलिस की कर रहे हैं, लेकिन महकमे में ही उनकी पहचान नहीं है। कई जिलों में डायल 112 पर तैनात चालकों को पहचानपत्र तक नहीं दिया गया है। इनका कहना है कि राज्यकर्मी का दर्जा तो छोड़िए, सेवा भी पुलिस महकमे से सीधे नहीं ली गई है। आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाइजेशन से अनुबंध पर बहाल हुए डायल 112 के चालकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त नहीं है। डायल 112 के अधिकतर चालकों को अक्सर 24 घंटे तक बिना आराम काम करना पड़ रहा है। स्पेयर में चालक भी उपलब्ध नहीं किया गया है। महज एक कॉल पर सबकी परेशानी सुनने और त्वरित मदद पहुंचाने वाले डायल 112 के चालकों की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है। जिले में डायल 112 पर तैना...
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