नई दिल्ली, जून 28 -- छोटे-छोटे प्लास्टिक के कण सिर्फ पर्यावरण को ही प्रदूषित नहीं कर रहे बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा भी बढ़ा रहे हैं। माइक्रोप्लास्टिक के कण इतने महीन होते हैं कि वो खाली आंखों से दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन भोजन, सांस और त्वचा के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। संपर्क में आने से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और हमारी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। जामा पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, माइक्रोप्लास्टिक विशेषकर पॉली-प्रोपलीन और नायलोन दूसरे अंगों के बजाय मस्तिष्क में ज्यादा एकत्र होते हैं। जर्नल ऑफ साइंस एडवांसेस में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने भी इसकी पुष्टि की है। इस अध्ययन के अनुसार, मस्तिष्क में पहुंचे माइक्रोप्लास्टिक के कण रक्त के सामान्य प्रवाह को अवरुद्ध करते हैं और कई न्युरोलॉजिकल समस्य...