रांची, अप्रैल 10 -- रांची, वरीय संवाददाता। एक्सआईएसएस में 'वृद्धावस्था: एक वरदान या बोझ, विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला गुरुवार को शुरू हुई। पहले दिन वृद्धावस्था की चुनौतियों और अवसरों की वास्तविकताओं पर चर्चा हुई। निदेशक डॉ जोसफ मारियानुस कुजूर एसजे ने कहा कि वृद्धावस्था एक अपरिवर्तनीय वास्तविकता है और हमारी संस्कृति और मूल्यों का एक अभिन्न अंग है। कार्यशाला समन्वयक डॉ संत कुमार, डॉ रीता कुमारी और डॉ अशोक कुमार एसजे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर अपनी बातें रखीं। कार्यशाला का समन्वयन डॉ उमा साहा ने किया। ------------------- कार्यशाला में बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, झारखंड में 23.56 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं, जो इसकी आबादी का 8.4 प्रतिशत है। 60 वर्ष की आयु में जीवन प्रत्याशा पुरुषों के लिए 18.1 वर्ष...