संभल, मार्च 10 -- नगर पंचायत बबराला स्थित शिव मंदिर के पुजारी पंडित ब्रजेश शास्त्री ने एकादशी के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि के साथ मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। फाल्गुन माह की एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। सभी पापों का नाश होता। मोह-माया के बंधन खत्म हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि पौराणिक परंपराओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के बाद पहली बार अपनी प्रिय काशी नगरी आए थे। उन्होनें माता पार्वती को गुलाल अर्पित किया था। रंगभरी एकादश...