संभल, जनवरी 29 -- पुरातत्व द्वारा संरक्षित इमारतों की देर से सही पुरातत्व विभाग को याद तो आई। विभाग की अनदेखी के चलते संरक्षित इमारतों और भूमि पर कब्जा हो गया। चीजें खुदबुर्द हो गई। जब जिला प्रशासन ने इसका अभियान छेड़ा तो पुरातत्व विभाग ने एक बार इनको संरक्षित करने की कवायद शुरू कर दी। मंगलवार को एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम ने चंद्रेश्वर मंदिर और अमरपति खेड़ा क्षेत्र की नापजोख की। इस दौरान टीम ने दोनों स्थानों की भूमि का चिन्हीकरण किया और अवैध कब्जों को लेकर सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं। चंदायन गांव स्थित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर की 85 बीघा भूमि में से केवल 19 बीघा भूमि ही मंदिर के कब्जे में है। शेष भूमि पर अवैध कब्जा कर पट्टे काट दिए गए। मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में कई सालों से विभिन्न प्रकार के निर्माण और अवैध गतिवि...