गया, जुलाई 10 -- अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के स्वामी विवेकानंद सभागार में गुरुवार को 'विरूपाक्ष दर्शन पुस्तक का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनंत कुमार सिंह ने की, जबकि उद्घाटन पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की प्रो. उषा सिंह ने किया। स्वामी धरणीधर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कृष्णदेव मिश्र ने कहा कि संत कभी समाप्त नहीं होते, वे अमर होते हैं। मृत्यु उनके लिए उत्सव होती है। उन्होंने 'विरूपाक्ष दर्शन' की व्याख्या करते हुए कहा कि विरूप का अर्थ शिव और अक्ष का अर्थ आंख है, जिसमें शिव की तीसरी आंख के आध्यात्मिक अनुभवों का उल्लेख है। समारोह में मविवि के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश चंद्र मिश्र ने कहा कि धर्म वही है जो मनुष्य का स्थायी गुण हो। उन्होंने संस्कृति को राष्ट्र की नींव बताया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन स...