अलीगढ़, मई 18 -- 19वीं शताब्दी से पहले जैन व बुद्धिस्ट स्थल होते थे, बाद में बिखर गए एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद ने जैन मूर्तियों को संजोकर रखा था महावीर स्वामी का एक टन वजनी सुनहरे पत्थर का स्तंभ भी है मौजूद फोटो 00 अलीगढ़ । कार्यालय संवाददाता अलीगढ़ मुस्लिम विवि में केवल तालीम ही नहीं, बल्कि अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय में कई संग्रहालय हैं, जिनमें मूसा डाकरी संग्रहालय विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र है। यह संग्रहालय दुर्लभ ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजे हुए है, जिन्हें देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। सर सैयद अहमद खां ने 24 मई 1875 में मदरसा-तुल-उलूम की नींव रखी थी। सात छात्रों से शुरू हुआ मदरसा आज एएमयू के रूप में दुनिया भर में छाई हुई है। सर सैयद ने इससे पहले ही देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को जुटाना...