लखनऊ, मई 12 -- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत नियामक आयोग द्वारा स्वीकार किए गए बिजली कंपनियां के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। बिजली कंपनियों ने बताया है कि उपभोक्ताओं को 1,33,779 मिलियन यूनिट बिजली बेची जाएगी और इस पर 88,755 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। खास बात यह है कि खर्च का 51% फिक्स्ड चार्ज है और ईंधन का चार्ज 49%। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली खरीद का 51% केवल फिक्स्ड चार्ज होना यह बता रहा है कि प्रदेश के बिजली खरीद के करार काफी महंगे किए गए हैं। 45,614 करोड़ रुपये फिक्स्ड चार्ज और ईंधन चार्ज 43,141 करोड़ रुपये है। फिक्स्ड चार्ज का मतलब साफ है कि बिजली की खरीद हो न हो लेकिन, यह रकम ...